स्वभाव की सच्चाई
एक बार एक मगरमच्छ और एक बिच्छू मिले। बिच्छू ने कहा, मुझे नदी पार करवा दे। मगरमच्छ ने कहा, तूने मुझे काट लिया तो फिर क्यों? बिच्छू बोला, नहीं काटूँगा।
लेकिन बीच में नदी में बिच्छू ने काट लिया, लेकिन फिर भी मगरमच्छ ने नदी पार करवाई। तब बिच्छू ने कहा, जब मैंने तुझे काट लिया तो तूने क्यों नदी पार करवाई? मगरमच्छ बोला, जब तूने तेरा प्राकृतिक स्वभाव नहीं छोड़ा तो मैं क्यों अपना स्वभाव छोड़ूँ?
पाठ जो हमें सीखने को मिलता है
व्यक्ति को दूसरों के किए हुए कामों से अपना स्वभाव नहीं बदलना चाहिए। सही और ईमानदार रहना हमेशा अहम है, चाहे दुनिया कितनी भी मुश्किल क्यों ना हो।