पानी को बर्फ में बदलने में वक्त लगता है, ढले हुए सूरज को निकलने में वक्त लगता है… थोड़ा धीरज रख, थोड़ी और मेहनत कर, जंग लगे दरवाजो को खुलने में वक्त लगता है… कुछ देर रुकने के बाद फिर से चल पड़ना ए दोस्त, हर ठोकर के बाद सम्भलने में वक्त लगता है… बिखरेगी […]
बिंदास मुस्कुराओ क्या गम है … जिंदगी में टेंशन किसको काम है … अच्छा या बुरा तो केवल एक भ्रम है … क्योकि जिंदगी का नाम ही कभी ख़ुशी कभी गम है… Kabhi khusi Kabhi gam… Share on: WhatsApp
कभी भी किसी का भरोसा नहीं तोडना चाहिए, क्योकि वो आप पर विश्वास करते है और वो आपको अपना समझते है, इसलिए आप पर भरोसा करते है। विश्वास या भरोसा एक ऐसा शब्द है जिसे टूटने में एक पल लगता है और बनाने में पूरी जिंदगी चली जाती है। अतः किसी का भरोसा मत तोड़ो। […]
कल ना हम होंगे ना कोई गीला शिक़वा होंगे…. सिर्फ सिमटी हुई यादो का सिलसिला होगा…. जो लम्हे है चलो हँसकर बिता ले…. ना जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा….! Kal na hum honge na koi geela Shikva honge… Share on: WhatsApp
क्या जिंदगी है…. जीवन की आधी उम्र तक तो पैसे कमाए, पैसे कमाने में इस शरीर को ख़राब किया, बाकी बची आधी उम्र उसी पैसे को शरीर को ठीक करने में लगा दी, ” ना शरीर बचा और ना ही पैसे “ शमशान के बाहर लिखा था ….. ” मंजिल तो तेरी यही थी, बस जिंदगी […]
Char din bhi koi dusra nhi nibha sakta vo kirdar, jo ek “Maa” puri jindagi nibhati hai… चार दिन भी कोई दूसरा नहीं निभा सकता वो किरदार,जो एक माँ पूरी जिंदगी निभाती है। Share on: WhatsApp
कितना सुंदर लिखा है किसी ने….. प्यास लगी थी गजब की, मगर पानी में जहर था… पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते बस यही 2 मसले जिंदगी भर हल नहीं हुए…. ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए, वक्त ने कहा… ” काश थोड़ा और सब्र होता” और “सब्र […]
क्या खूब लिखा है किसी ने… झुकी हुई नजरो को तुम नजाकत लिख देना, मेरी ख़ामोशी को दौर – ऐ क़यामत लिख देना… रोता है दिल जिनको आज भी याद करके, मेरे प्यार की उसे तुम अमानत लिख देना… दर्द को बयां करुँ जब में मुस्कुराते हुए, उसी हसी को तुम खुदा की इनायत लिख […]
हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती…. राजा दशरथ जब अपने चारों बेटों की बारात लेकर राजा जनक के द्वार पहुंचे तो राजा जनक ने सम्मानपूर्वक बारात का स्वागत किया, तभी दशरथ जी ने आगे बढ़कर जनक जी के चरण छू लिए, जनक जी ने दशरथ जी के हाथो को थाम लिया और कहा […]
ये शरीर जो की आहिस्ता आहिस्ता ख़तम हो रहा है और, क्या फर्क है 70 साल और 6 महीने में, मौत एक पल है, आने वाले 6 महीनो में जो लाखो पल जीना है उसका क्या होगा, दोस्त जिंदगी बड़ी होनी चाहिए, लम्बी नहीं, मौत के डर से अगर जिन्दा रहना छोड़ दिया, तो मौत […]