Kya Jindagi Hai….
क्या जिंदगी है….
जीवन की आधी उम्र तक तो पैसे कमाए,
पैसे कमाने में इस शरीर को ख़राब किया,
बाकी बची आधी उम्र उसी पैसे को शरीर को ठीक करने में लगा दी,
” ना शरीर बचा और ना ही पैसे “
शमशान के बाहर लिखा था …..
” मंजिल तो तेरी यही थी, बस जिंदगी गुजर गयी आते आते….
क्या मिला तुझे इस दुनिया से…..
अपनों ने ही जला दिया तुझे जाते जाते “
दौलत की भूख ऐसी लगी की कमाने निकल गए,
जब दौलत मिली तो रिश्ते हाथ से निकल गए,
बच्चो के साथ रहने की फुर्सत ना मिल सकी,,,
फुर्सत मिली तो बच्चे कमाने निकल गए ,,, Kya Jindagi hai…