Motivational Story
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Ek Subah Hogi…

एक सुबह होगी…

जब लोगो के कंधो पर ऑक्सिजन सिलेंडर नहीं दफ्तर का बेग होगा,

गली में एम्बुलेंस नहीं स्कूल की वेन होगी,

और भीड़ अस्पतालों पे नहीं चाय की दुकानों पर होगी। 

एक सुबह होगी…

जब पेपर के साथ पापा को काढ़ा नहीं चाय मिलेगी,

दादा जी बाहर निकल के बेखौफ पार्क में घूम सकेंगे,

और दादी जी टेरेस पर नहीं मंदिर में जल चढ़ा कर आयेंगी। 

एक सुबह होगी…

जब हाथो में केरम और लूडो नहीं बेट और बॉल होगा,

मैदानों में सन्नाटे नहीं शोर का भार होगा,

और शहरो की सारी पाबंदी हटेगी और फिर से त्यौहार होगा। 

एक सुबह होगी…

जब जी भरकर सब को गले लगाएंगे,

कड़वी यादो को दफ़न कर फिर से मुस्कुरायेंगे,

और दुनिया को कह देंगे नजर झुका लो हम वापस आ गए है। 

Ek Subah hogi…

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