Achha lagta hai…
मुझे अब नींद की तलाश नहीं,
अब रातो को जागना अच्छा लगता है…
मुझे नहीं मालूम की तुम मेरी किस्मत में हो या नहीं,
मगर खुदा से तुम्हें माँगना अच्छा लगता है…
जाने मुझे हक़ है या नहीं,
पर तुम्हारी अपनी जान से ज्यादा
परवाह करना अच्छा लगता है…
तुम्हें प्यार करना सही है या नहीं,
पर इस एहसास को जीना अच्छा लगता है…
कभी हम साथ होंगे या नहीं,
पर ये ख्वाब देखना अच्छा लगता है…
तुम मेरे हो या नहीं पर,
तुम्हें अपना कहना अच्छा लगता है…
दिल को बहलाया बहुत पर मानता ही नहीं,
शायद इसे भी तुम्हारे लिए धड़कना अच्छा लगता है…
Achha lagta hai…