Haar kr bhi jitna….
संदीप नाम का एक लड़का था उसे दौड़ना बहुत अच्छा लगता था
वह कई मैराथन में हिस्सा ले चुका था
किन्तु वह हमेशा किसी भी दौड़ को पूरा नही करता था
एक दिन उसने ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाये वह दौड़ पूरी जरूर करेगा
अगले दिन दौड़ शुरू हुई
संदीप ने भी दौड़ना शुरू किया धीरे – धीरे
सारे लड़के आगे निकलने लगे
और संदीप पीछे रह गया, अब संदीप थक चूका था
लेकिन उसने हार नहीं मानी
फिर उसने खुद को संभाला और बोला कि मैं अगर दौड़ नही सकता तो
कम से कम चल तो सकता हु
उसने ऐसा ही किया वह धीरे धीरे चलने लगा
अब वह बहुत ज्यादा थक चूका था
और वह थक कर निचे गिर गया
उसने फिर खुद को संभाला
की वह कैसे भी करके आज की दौड़ को पूरी जरूर करेगा
वह लड़खड़ाते हुए खड़ा हुआ और आगे बढ़ने लगा और आखिर कार उसने दौड़ पूरी कर ही ली
माना कि वह दौड़ हार चुका था
लेकिन आज उसका विश्वास जाग चूका था क्योंकि आज से पहले उसने
दौड़ को कभी पूरा नही किया था वह बहुत खुश था
क्योंकिआज वह हार कर भी जीता था